TAAREEKH..........
एक तारीख तेरी बातों में दुहराई जाती थीं
उस तारीख के ज़िक्र से तेरी आँखें भी मुस्कुराती थीं
तेरी खुशियों से बाबस्ता हमने उस दिन का इंतज़ार किया
चंद सालों के बाद उसी तारीख पे यारों ने हमे याद किया
करके मशवरा सभी कहने लगे हमे जाना है
आज उस पागल लड़की का दूसरा सालाना है ............
नासरीन (तन्हा)
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