Wednesday, 21 March 2012


                                                           

आज तेरी याद  यक  ब्यक आ गयी
आंशुओं से मेरे चेहरे को भीगा गई
मेरा दिल आज फिर मुझसे बगावत  करने लगा
बेवजह मै आज फिर तेरी यादों की गलिओं में सैर पे आ गयी




तुमको तो पता भी नहीं होगा 
मेरा जनाज़ा तेरे इंतज़ार में रुका होगा
जब खबर मिलेगी तुझको किस्तों में तनहा मिट चूका होगा




तुमने मुझसे बेवफाई की .....की तो की
मै इस कम्बखत का क्या करूँ जो मेरे सीने में रह कर तेरे लिए धड़कता है...





आज क्यूँ ये आंसू रुक नहीं रहे...
बिला वजह तेरा नाम लिए जा रहे है
बस एक सवाल करता है ए रब....


मेरा प्यार सही  सलामत  तो है...??

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